VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

मिताहार के कार्य एवं लाभ

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

आहार की वह मात्रा जो क्षुधा के अनुरूप कम मात्रा में सेवन की जाये जिस सेवित आहार द्रव्यों की मात्रा का सुपाच्य आसानी से हो जाये वह मिताहार की श्रेणी में आता है।

मिताहार के कार्य एवं लाभः

·         शरीर को स्वस्थ रखता है।

·         मिताहार शारीरिक एवं मानसिक विकास में महत्त्वपूर्ण मदद करता है।

·         मिताहार से नई स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण होता है।

·         मिताहार से निश्चित तापमान शरीर का बना रहता है।

·         क्षीण एवं रूग्ण कोशिकाओं की मरम्मत होती है।

·         विजातीय द्रव्यों का शरीर से निष्कासन होने में सहायक है।

·         शरीर में शक्ति स्फूर्ति सजगता बढ़ती है।

·         मिताहार से मोटापा नहीं बढता है।

·         संतर्पणजन्य रोग नहीं होते है।

·         मिताहार से पाचन प्रणाली सुधरती है।

·         आहार नाल स्वस्थ होती है।

·         जिनके घरों में नोकर -चाकर या मशीनों से गृहकार्य साफ-सफाई होती है उनके लिये मिताहार रामबाण होता है।