VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

मालिश के सिद्धान्त

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

कुछ सर्वविदित जानकारियो के साथ-साथ इस मालिश चिकित्सा के कुछ चिकित्सकीय सिद्धान्त भी है। जैसे-

1.     मालिश के व्यवहारिक पक्ष को समझना जैसे- मालिश कर्ता का व्यवहार कैसा है। क्या वह नम्र, दयालु व शिष्टाचारी है आदि |  तथा मालिश लेने वाला, मालिश के प्रति क्या सोच रखता है। क्या वह इसे चिकित्सा मानता है। आदि।

2.     मालिश के वैज्ञानिक पक्ष को समझना भी मालिश देने वाले व मालिश लेने वाले दोनो के लिए अनिवार्य है। यह तभी सार्थक होगा जब शरीर विज्ञान को दोनो जानते व समझते हो।

3.     इस चिकित्सा के बारे मे दोनो को (लेने वाला, देने वाला) पूर्ण विश्वास होना चाहिये।

4.     ग्रहणशील व्यक्तियो पर इसका प्रभाव अधिक होता है व जल्दी होता है।

5.     सकारात्मक व्यक्तियों पर मालिश चिकित्सा एक टानिक का कार्य करती है।

6.     भावनात्मक सिद्धान्त के रूप देखे जो इससे एक-दूसरे में आत्मीयता का संचार होता है।

7.     मुख्य रूपसे नियम के अंतर्गत जो सिद्धान्त लागू होता है वह है कि इसमें लिंग का विशेष ध्यान दिया जाता है- जैसे -

पुरूष वर्ग की मालिश पुरूष द्वारा तथा महिलाओं की मालिश महिला द्वारा। नवजात शिशु व बच्चों के सम्बन्ध मे यह बात लागू नही होती इसे परिवारिक परिवेश व माँ के वात्सल्य स्नेहशील छाया मे ही किया जाता है।