VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

मालिश का शरीर क्रिया विज्ञानी प्रभाव

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

रक्त परिसंचरण तंत्र पर प्रभाव-

धमनियों मे उत्तेजना आती है लालरक्त कणों की वृद्धि होती है। रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है चयापचय की क्रिया तीव्र होती है।

स्नायु संस्थान पर प्रभाव-

स्नायुओं मे उत्तेजना आती है, स्नायुविक विकार दूर होते है। शरीर मे हल्कापन आता है।

मांसपेशियों पर प्रभाव-

1.     मांसपेशियां मजबूत बनजी है, मांसपेशियों का तनाव कम होता है। दूषित पदार्थ दूर हो जाता है मांसपेशियां सुडौल व सुगठित बनती है उनकी गति व सक्रियता बढ़ती है।

अस्थि संस्थान पर प्रभाव-

अस्थियाँ मजबूत बनती है, अस्थियों का सामान्य रूप विकसित होता है इससे बालकों को सूखा रोग नही होता है।

पाचन संस्थान पर प्रभाव-

कब्ज दूर होती है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है भूख अधिक लगती है आंतों को अतिरिक्त बल मिलता है मल निष्कासन की गति बढ़ती है यकृत को बल मिलता है पेट की विभिन्न ग्रंथियों की क्रियाशीलता बढ़ती है।

वृक्को (गुर्दों)पर प्रभाव-

मालिश करने से वृक्को की कार्यशीलता बढ़ती है जिससे रक्त साफ होकर यूरिक एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है।

त्वचा पर प्रभाव-

त्वचा मुलायम बनती है रोम कूप, साफ होते है त्वचा में रोगो को रोकने की शक्ति बढ़ती है।

श्वसन तंत्र पर प्रभाव-

फेफड़ो की आक्सीजन ग्रहाशीलता बढ़ती है प्रश्वास क्रिया के साथ कार्बनडाइ बाहर निकलती है। फेफड़े मजबूत होते है।

इन सभी के साथ-साथ शरीर की कमजोरी, जोड़ो का दर्द, आदि दूर होकर शरीर सुन्दर बनता है।