VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

क्रिया (षट्कर्म)

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

योग साधना की सभी क्रियाओं का अपना-अपना महत्व है। परंतु षट्कर्मो का अपना अलग ही महत्त्व है। योगाभ्यास में सफलता के लिए षट्कर्म के द्वारा शरीर को साफ व शुद्ध करना आवश्यक है। इसके अभ्यास के बिना यदि कोई व्यक्ति योगाभ्यास करता है, तो उसे योग में सफलता प्राप्त करने में अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

षट्कर्म क्या है?

  शरीर से विषयुक्त दूषित तत्वों को निकालकर साफ करने की जो विधि योग क्रियाओं में बताई गई है, उसे षट्कर्म कहते हैं। यह निम्नलिखित छः क्रियायें होती हैं

1.    धौती –वमन धौती/ दंड धौती/वस्त्र धौति

2.    वस्ति

3.    नेति – जल नेति/ सूत्र नेति

4.    नौलि – मध्यमा नौलि/ दक्षिण और वाम नौलि

5.    त्राटक

6.    कपालभाती