VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

योगासनों के स्वास्थ्य लाभ

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

1.     व्यक्ति की नकारात्मक सोच धीरे धीरे खत्म होने लगती है एवं वह अपने लक्ष्य की और तीव्रता से बढ़ता है

2.     गलत आहार विहारों का ज्ञान होता है एवं आत्मिक शक्ति प्रबल होती है | जिससे व्यक्ति नशे या गलत व्यसनों को आसानी से अपनी मर्जी से छोड़ देता है |

3.     सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोगों या विकारों का शमन होता है |

4.     नियमित योगी शांत स्वाभाव एवं निर्मल मन का होता है |

5.     सर्वांगीन स्वास्थ्य की प्राप्ति होती , शरीर हष्ट-पुष्ट बनता है , मन शांत रहता है एवं सभी और से व्यक्ति को सफलता मिलती है |

6.     पवनमुक्तासन समूह एवं शक्ति बंध की क्रियाओं को अपनाने से व्यक्ति का शरीर मजबूत बनता है | पुरे शरीर में फुर्ती आती है , संधियों के जोड़ खुल जाते है एवं सम्पूर्ण शरीर क्रियाशील बनता है जिससे पुरे शरीर के विकारों का हरण होता है |

7.     खड़े होकर किये जाने वाले योगासनों से शरीर की मांसपेशियों में मजबूती आती है जिससे गठिया, कम्पवात, मांसपेशियों का दर्द एवं अकडन, चली जाती है | साथ ही इन योगासनों को अपनाने से घुटने एवं जॉइंट्स की सभी बीमारियों में लाभ मिलता है |

8.     वज्रासन समूह के योगासनों को अपनाने से स्त्रियों के मासिक धर्म, उनके जननांगो के विकारों में लाभ मिलता है | साथ ही वज्रासन में बैठ कर किये जाने वाले असनो से व्यक्ति का श्रोणी प्रदेश, प्रजनन अंग एवं पाचन अंगो में सुचारू ढंग से रक्त संचार बढ़ता है , जिससे प्रजनन अंगो के रोग जैसे हर्निया, धातु दुर्बलता, शुक्राणुओं की कमी, बवासीर, अंडकोष का बढ़ना, एवं जननांगो की स्थिलता आदि रोगों का हरण होता है |

इस प्रकार योग के विभिन्न लाभ है लेकिन इनका पता तब ही चलता है जब हम योग को अपनाएं | अब कोई कहे की योग से मुझे इतना फायदा मिला तो क्या आप उसे मानेंगे शायद मन भी जाएँ लेकिन तर्क वितर्क तो जरुर करेंगे | अत: योग के लाभों को पूर्ण जानने के लिए योग को दैनिक जीवन में लाना जरुरी है , तभी योग से होने वाले वास्तविक लाभों के बारे में पहचान पाएंगे |

योग का मानव जीवन पर प्रभाव 

अधिकतर हमने योग को सिर्फ व्यायाम, योगासनप्राणायाम या शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की क्रिया मात्र समझ रखा है | लेकिन अगर योग को हम गहराई से समझें तो हमें इसके लाभों के साथ साथ इसके प्रभावों का ज्ञान भी होता है | योग आज के विज्ञान की तरह नहीं है की इसके सिद्धांत बदल सके | यह हमारे हजारों महान ऋषियों की उपलब्धि है जिसे उन्होंने अपने पूर्ण जीवन को समर्पित करके प्राप्त की थी | तभी इसके सिद्धांत भी अकाट्य है , क्योंकि ऋषियों ने निश्चित ही इसके सभी पहलुओं को महसूस किया था और यही कारण है कि आज हमारे सामने योग विद्यमान है |

दरशल योग को हम किसी धर्म विशेष में नहीं बांध सकते , यह तो सभी धर्मो से ऊपर है | धर्म हमें सिर्फ जीना सिखा सकते है , कुछ नियम सिखा सकते या फिर धार्मिकता सिखा सकते है | लेकिन योग हमें उत्तम तरीके से जीवन यापन करने के साथ साथ आत्मा से परमात्मा को उपलब्ध होने का तरीका बताता है जो इस मानव जीवन के लिए परम आवश्यक है |

आज का वातावरण कितना प्रदूषित है ये हम सभी जानते है | वर्तमान समय में प्रदूषित वातावरण, प्रदूषित पर्यावरण, फ़ास्ट फ़ूड का सेवन, कृत्रिम (रसायनों से निर्मित या सहेजे गए) भोज्य पदार्थ, डिब्बा बंद भोज्य पदार्थ, एवं बदलते परिवेश में मनुष्य को मानसिक विकृत एवं शारीरक रूप से अस्वस्थ बना दिया है | भले ही आधुनिक वैज्ञानिको ने नए नए उपचार एवं सुविधाएँ खोजी हो लेकिन इनसे होने वाले साइड इफ़ेक्ट से हम सभी भली प्रकार से परिचित है | अत: एसे समय में योग एवं आयुर्वेद ही एसी विद्या है जिसको अपनाकर हम अपने मानव जीवन को स्वस्थ एवं सार्थक बना सकते है |