VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

रंगों का सप्त चक्रों से सम्बन्ध

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

रंगों का हमारे जीवन पर प्रभाव एवं चक्रों से सम्बन्ध

रंग हमारे जीवन को काफी प्रभावित करते हैं। किसी की मानसिक स्थिति के निर्माण में रंगों की अहम भूमिका होती है।  रंग भावनाओं पर भी असर डालते हैं। कुछ लोग पीला रंग देखकर चिंतित महसूस करते हैं तो कुछ को सुकून पहुंचता है। हमारे शरीर पर रंगों के पड़ने वाले प्रभाव का सीधा असर संबंधित चक्र पर निर्भर करता है। चक्र और रंगों की यह ऊर्जा व्यक्ति की सेहत पर काफी असर डालती है। आईए जानें कलर थैरेपी यानी रंगों से कैसे इलाज किया जाता है।

लाल

यह रंग जीवन शक्ति, साहस और आत्मविश्वास देता है। गर्म होने के साथ ही यह चिकित्सा को बढ़ावा देता है और दर्द की गुंजाइश कम होती है। लाल रंग को प्यार का भी प्रतीक माना जाता है। एडरिनल हार्मोन को बढ़ावा देने वाला यह रंग प्यार व अंतरंगता को  बढ़ाने में महती भूमिका अदा करता है। अनिंद्रा, कमजोरी, रक्त संबंधी समस्या के इलाज में इस रंग का उपयोग किया जा सकता है।

पीला

यह रंग विवेक, स्पष्टता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। मानसिक उत्तेजना के साथ यह तंत्रिका को मजबूत बनाता है। पेट व त्वचा के साथ मांसपेशियों को भी शक्ति देता है। पेट खराब होने व खाज खुजली में यह रंग काफी उपयोगी है।

सफेद

यह नकारात्मक विचारों से दूर करता है। सफेद रंग रोगों का जल्द निवारण करता है। अगर व्यक्ति को किसी रंग में रुचि न हो तो वो सफेद रंग का प्रयोग कर सकता है।

नारंगी

यह रंग उत्साह व आत्म विश्वास को बढ़ाता है साथ ही फेफड़ो व श्वसन प्रक्रिया को ठीक रखता है। इसलिए नारंगी रंग अस्थमा, ब्रोनकाईटिस, गुर्दा संक्रमण में बेहद उपयोगी साबित होता है।

हरा

यह रंग प्रकृति रंग होने की वजह से आंखों को सुकून पहुंचता है। यह रंग दिल को स्वस्थ रखने के साथ हार्मोन को संतुलित रखता है। हरे रंग में प्रतिरोधक क्षमता बढाने की क्षमता होती है। यह रंग त्वचा रोग व हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है।

 

 

नीला

यह रंग एक तरह का एंटीसेप्टिक है। यह रंग ठंडा होने के नाते हाई ब्लड प्रशेर को कम रखने में मदद करता है। इसके अलावा सिर दर्द, सूजन, सर्दी व खांसी से बचाता है।

इंडिगो

यह रंग सेहत के लिहाज से आंख, नाक के रोगों में फायदेमंद है। इसके अलावा यह मानसिक समस्याओं से उबरने में भी मदद करता है।

बैंगनी

यह रंग परिवर्तन का प्रतीक है। बैंगनी रंग एक्रागता बढ़ाने के साथ हिस्टोरिया, भ्रम हो जाने रोगों को खत्म करने में सहायक है।

 

 

इंद्रधनुष के ये सात रंग, इंसान के शरीर के सात चक्रों को प्रभावित करते हैं। हर रंग का संबंध एक निश्चित चक्र से होता है। आइए जानते हैं कि कौन सा रंग किस चक्र से संबंधित है।

 

·        V- बैंगनी रंग सहस्त्रहार चक्र से संबंधित है

·         I- इंडिगो रंग आज्ञा चक्र से संबंधित है।

·        B- नीला रंग विशुद्ध चक्र से संबंधित है।

·        G- हरे रंग का संबंध अनाहत चक्र से है।

·        Y- पीले रंग का संबंध स्वाछिष्ठान चक्र से होता है।

·        O- नारंगी का संबंध मणिपुर चक्र से है।

·        R- लाल रंग का संबंध मूलाधार चक्र से है।