VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

2.खनिज जल स्नान

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'




वर्षा का जल जब पृथ्वी द्वारा सोख लिए जाने पर पृथ्वी के अन्दर चला जाता है तो वह अपने रास्ते में आने वाले घुलनशील खनिज तत्वों को अपने साथ मिलाता है। और एक स्थान पर एकत्र हो जाता है। जब रास्ता मिलता है तो यही पृथ्वी के अन्दर इकट्ठा हुआ जल स्रोत के रूप में बाहर आ जाता है। ऐसे में इस जल को खनिज जल के नाम से जाना जाता है। इटली, फ्रांस, अमेरिका, इंग्लैण्ड में ऐसे जल स्रोत अधिक पाए जाते है। मुंगेर , विन्ध्याचंल में भी ऐेसे स्रोतों का जल श्रद्धा के साथ उपयोग में लाया जाता है। ऐसा जल सुपाच्य एवं भूख बढ़ाने वाला होता है।
खनिज युक्त जल का अत्यधिक आन्तरिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होता है। स्नान के लिए ऐसा जल उत्तम रहता है इससे त्वचा स्वस्थ्य रहती है। गठिया रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए जल से स्नान उत्तम रहता है।