By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'
साधन : एक छोटा तौलिया अथवा सूती कपड़ा, लंगोट, मफलर या अन्य कोई
गर्म कपड़ा |
विधि : जनन अंगों के विभिन्न
रोगों में टी पैक बहुत लाभप्रद है | तौलिया को पानी में भिगोकर अच्छी तरह से निचोड़
लें | इस तौलिया से समूचे जनन अंग को अच्छी तरह से ढककर, ऊपर से किसी ऊनी कपड़े की
तीन तह करके रख दें | अब इसके ऊपर से लंगोट पहन लें | पहनने के बाद यह पट्टी
अंग्रेजी के T अक्षर की तरह दिखती है इसीलिए इसे टी पैक कहते हैं | इस पट्टी का
प्रयोग 45 मिनट से एक घंटे तक करना चाहिए | पुराने रोगों में सप्ताह में 2-3 दिन
या रोज प्रयोग करने से यथेष्ट लाभ मिलता है |
लाभ :
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जनन यंत्रों की दुर्बलता
में कमर पर गर्म-ठण्डा सेंक देने के बाद एक घंटे के लिए टी पैक देने से अत्यंत लाभ
मिलता है |
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हाइड्रोसील (अन्डकोशों
में पानी भर जाना) की स्थिति में एक घंटा टी पैक करने से तौलिया इतना पानी खींच
लेती हैं की एक घंटा में ही अन्दर वह बहुत छोटा हो जाता है |
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अंडकोष में एक्जिमा की
स्थिति में गरम-ठण्डा टी पैक देने से बहुत लाभ मिलता है |
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सुजाक रोग में टी पैक से
लाभ मिलता है |
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प्रोस्टेट ग्लैंड की सुजन
में अंडकोष के अंतिम भाग से गुदा तक समूचे स्थान पर गर्म ठण्डा सेंक देकर टी पैक
देने से अत्यंत लाभ होता है |
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स्त्रियों के ऋतू सम्बन्धी
रोग एवं श्वेत प्रदर में टी पैक से विशेष लाभ होता है | श्वेत प्रदर में इतनी गंदगी
भीतर से तौलिया में उतर आती है कि थोड़े ही दिनों में अस्वस्थ जरायु स्वस्थ हो जाता
है |