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कोशिका भित्ति क्या है ? जन्तु एवं वनस्पतियों मे इसकी क्या उपयोगिता है

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'
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कोशिका भित्ति
प्रोकैरियोटिक और पादप कोशिका दृढ़ कोशिका भित्ति से घिरे होते हैं। पेपर, वस्त्र,रेशे (कपास, सन, हेम्प), लकड़ी का कोयला, लकड़ी, और अन्य लकड़ी के उत्पादों कोशिका भित्ति से प्राप्त होते हैं।
कोशिका भित्ति की संरचना :
कोशिका भित्ति तीन प्रकार की (मध्य पट्टिका, प्राथमिक भित्ति और द्वितीयक भित्ति) होती हैं। कुछ पादपो के लिए तृतीयक कोशिका की भित्ति को भी परिभाषित किया जाता है।
1. मध्य पट्टिका (Middle Lamella):

·       यह फ्रैगमोप्लास्ट से कोशिका विभाजन के दौरान बनने वाली पहली परत है यह कोशिका की सबसे बाहरी परत होती हैं।
·       यह दो आसन्न कोशिकाओं के मध्य होती हैं।
·       यह पेक्टिन और प्रोटीन से बनी होती हैं।
2. प्राथमिक भित्ति (Primary Wall):
·       यह पेक्टिन, सेल्युलोज, हेमिसेल्यूलोज और प्रोटीन से बनी होती हैं।
·       यह मध्य लामेला के बाद बनती हैं।
·       सभी वनस्पति कोशिकाओं में एक मध्य पट्टिका और प्राथमिक भित्ति होती हैं।
3.द्वितीयक भित्ति (Secondary Wall):
·       कोशिका की वृद्धि बंद होने के बाद यह बनती है।
·       यह अत्यंत कठोर होती है।
·       यह सेल्युलोज, हेमिसेल्यूलोज और लिग्निन से बनी होती है।
4. तृतीयक भित्ति (Tertiary Wall):
·       यह कोशिका भित्ति की सबसे आन्तरिक परत हैं।

कोशिका भित्ति की परासरंचना (Ultra Structure of Cell Wall): –
कोशिका भित्ति में फ़ाइब्रिल (तंतु या रेशक) और मैट्रिक्स शामिल हैं
(1) तंतु/रेशक (Fibril)-
·       लगभग 3000 ग्लूकोज अणुओं से एक सेल्यूलोज अणु बनता हैं।
·       100 सेलूलोज़ अणु एक मिसेल बनाते हैं।
·       20 मिसेल एक सूक्ष्म फाइब्रिल बनाते हैं।
·       250 माइक्रो-फाइब्रिल 250 Ǻ व्यास के सेलूलोज़ का मैक्रो-फाइब्रिल बनाते हैं।
·       रेशक प्राथमिक भित्ति में धुरी के उर्ध्व और द्वितीयक भित्ति में समानांतर पाये जाते है।
(2) मैट्रिक्स (Matrix)-
·       यह कोशिका भित्ति का आधारी भाग हैं।
·       इसमें हेमिसेल्यूलोज, पेक्टिन, ग्लाइकोप्रोटीन, लिपिड और पानी होते हैं।
·       यह रेशक के रिक्त स्थान के बीच पायी जाती हैं।
कोशिका भित्ति का कार्य:
1      कोशिका आकार को बनाए रखना और आकार का निर्धारिण करना।
2      पानी के दबाव के कारण कोशिका झिल्ली टूटना से रोकता है (स्फीती दाब)।

3      कोशिका को यांत्रिक सहारा प्रदान करना।
4      कोशिका भित्ति में जैव रासायनिक गतिविधि कोशिका व कोशिका के मध्य संचार में योगदान करती हैं।
5      कीड़े और रोगजनकों से यांत्रिक सुरक्षा प्रदान करता।