By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'
लैंगिक जनन :
प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों के मिलने से बनी रचना
युग्मज (जाइगोट) द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है,
लैंगिक जनन (sexual reproduction) कहलाती है।[1] यदि युग्मक समान आकृति वाले होते हैं तो उसे समयुग्मक कहते हैं।
समयुग्मकों के संयोग को संयुग्मन कहते हैं। युग्मनज या तो सीधे पौधे को जन्म देता है
या विरामी युग्मनज बन जाता है जिसे जाइगोस्पोर कहते हैं। इस प्रकार के लैंगिक जनन को
'समयुग्मी' कहते हैं।
लैंगिक जनन की प्रक्रिया के दो मुख्य चरण हैं - अर्धसूत्री विभाजन
तथा निषेचन (fertilization)।
जन्तुओं में लैंगिक जनन
प्राणियों में लैंगिक जनन की कई विधियाँ हैं,
जिनमें प्रमुख विधियाँ हैं-
(1) सामान्य लैंगिक जनन,
(2) उभयलिंगी (Hermaphroditic) जनन,
(3) असेचन जनन (Parthenogenesis) और
(4) डिंभजनन (Paedogenesis)
अलैंगिक जनन(asexual reproduction)
प्रत्येक जीव के जीवन का प्रारंभ एक कोशिका से होता है यदि यह
एक कोशिका एक ही जनक द्वारा प्रदान की गई तो इसे अलैगिक जनन कहते है।
अलैगिक जनन में बनी संतति आपस में तथा जनको से समानता रखती है।
अलैगिक जनन में बनी संतति आपस में आकारिकी एवं आनुवाँशिक रूप
से आपस में तथा जनकों के समरूप होती है अतः इन्हें क्लोन कहते है।
अलैंगिक जनन के प्रकार(types
of asexual reproduction):
अलैगिक जनन निम्न प्रकार से होता है।
1 सामान्य कोशिका
विभाजन द्वारा:- प्रोटिस्टा , योनेरा
2 विखण्डन:- अमीबा,
पेरामिसियम, युग्लीना
3 मुकुलन/कलिका अतिवृद्धि,
असमान विभाजन:- यीस्ट ,हाइड्रा
4 अलैगिक बीजाणु द्वारा सूक्ष्मदर्शीय जूरूपोर्स:-
कवक एवं कुछ शैवाल जैसे:- क्लेमाइडोमोनास
5 केनिडिया द्वारा:-
पेनिसिलियम
6 जेम्यूल:- स्पंज