VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

इन्द्र धनुष निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'

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इन्द्रधनुष; चाप (arc) के आकार का होता है, जो कि सात रंगों में दिखाई देता है | इन्द्रधनुष (Rainbow) यह एक बहुत ही सुंदर प्रकाशीय विक्षेपण की घटना है |सूर्य के प्रकाश की कोई किरण जब प्रिज्म में से गुजरती है तो वो सात रंगों में विभक्त्त हो जाती है |  इसे ही प्रकाश का विक्षेपण कहते हैं | इन्द्रधनुष; प्रकाश के परावर्तन, अपवर्तन और पानी की बूंदों में प्रकाश के विक्षेपण के कारण बनता है |
इन्द्रधनुष के रंगो का क्रम इस प्रकार होता है- लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, बैंगनी | ज्यादातर लाल सबसे बाहर और बैंगनी सबसे अंदर होता है | इसका क्रम है; बैनीआहपीनाला
1. बैंगनी
2. नीला
3. आसमानी
4. हरा
5. पीला
6. नारंगी
7. लाल
कैसे और कहाँ दिखयी देता है इंद्रधनुष ?

बारिश की रिमझिम बूंदों के बीच अगर धूप भी हो तो सूर्य की तरफ मुंह कर लीजिए, कहीं न कहीं आपको इंद्रधनुष दिखाई पड़ेगा | आप इंद्रधनुष तब देख पाते है जब सूरज आपके पीछे होता है और वर्षा आगे | इसके अलावा विशाल झरनों के पास भी आम तौर पर हमेशा दिन के वक्त इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है | इंद्रधनुष तब और साफ दिखायी देता है जब आसमान में काले बादल छाये हो | अक्सर यह देखा जाता है कि इन्द्रधनुष सुबह के समय पश्चिम दिशा मे और शाम के समय पूर्व दिशा में दिखाई पड़ता है |
दोहरा इंद्रधनुष
कभी कभार एक नहीं, बल्कि दो इंद्रधनुष दिखाई पड़ते हैं |  एक ही जगह मौजूद बूंदों के बार-बार धूप के संपर्क में आने पर दो इंद्रधनुष दिखाई पड़ते हैं | पहले इंद्रधनुष से निकली रंगीन रोशनी जैसे ही सफेद में बदलती है, वैसे ही उसका संपर्क दूसरी बूंदों से हो जाता है और फिर प्रकाश अलग अलग रंगों में बिखर जाता है, लेकिन उसके रंग उल्टे क्रम में होते हैं |