By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस पट्टी का प्रयोग शरीरस्थ
जोड़ों पर किया जाता है। शरीर के जिस भी जोड़ में दर्द या सूजन आदि हो,
उस जोड़ पर एक सूती कपड़े को भिगोकर निचोड़कर तथा इस कपड़े की कई
तहें बनाकर रख दें तथा ऊपर से कोई गर्म ऊनी वस्त्र लपेट दें जैसा अन्य सभी पट्टीयों
में किया जाता है।
जोड़ों की गीली पट्टी से
लाभ
इस पट्टी को लगाने से
जोड़ों में उपस्थित सूजन व जोड़ों में होने वाला दर्द तथा गठिया आदि शीघ्र दूर हो जाते
है। सूजन में यह पट्टी विशेष लाभ देती है। उपरोक्त की ही भांति में सभी गीली पट्टियाँ
सभी प्रकार के स्थानीय विकारों में जैसे - हाथ, पैर, सिर,
आंख आदि में अत्यधिक लाभदायक सिद्ध होती है। इन पट्टियों
में यह अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि इसके ऊपर गर्म ऊनी कपड़ा अवश्य ही लपेटा जाय तथा
पट्टी निकालने के बाद उस स्थान को रगड़कर या गर्म। सेंक देकर गर्म करना भी आवश्यक होता
है।