By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'
शरीर तब जलता है जब शरीर तेज रसायन और आग के सीधे सम्पर्क में
आता है या फिर बहुत ही नजदीक जाता है। अक्सर इस वजह से लोग जल जाते हैं -
· रसोई के बर्तन जैसे सेंकने वाला बर्तन,
ओवेन शेल्व और पैन के हैंडल,
· केतली, अस्पताल और प्रेस समेत आधुनिक बिजली के उपकरण,
· खुले चुल्हे, गैस और बिजली की आग से उत्पन्न होने वाले दुर्घटनावश आग,
· कपड़ों और अन्य चीजों में दुर्घटनावश आग लगना,
· ब्लीच और सांद्र रसायन,
· सूर्य की तेज रोशनी और हवा,
· रस्सी के साथ दुर्घटना।
अधिकतर आग की घटनाएं घरों में होती हैं और घरों में भी अधिकतर
दुर्घटनाएं रसोई घर में होती हैं। रसोई घर संभवत: सर्वोत्तम जगह होती है जहां घायलों
का इलाज किया जा सकता है। लेकिन, यहां पर हम एक बार फिर दुर्घटना को दूर रखने के लिए आवश्यक कदम
उठाने पर जोर देते हैं। अधिकतर लोगों के लिए उनकी कभी जरूरत ही नहीं पड़ती। यहाँ यह
ध्यान रखना जरूरी है कि इससे अधिकतर बूढ़े, शारीरिक रूप से विकलाँग और बच्चे,
खासकर छोटे बच्चे प्रभावित होते हैं। बच्चों में सभी जलने की
घटनाओं को बड़ों को गंभीरता से लेनी चाहिए।
कुछ महत्वपूर्ण बातें, जिनसे बचें जिनसे बचना जरुरी है-
शरीर के जल जाने पर क्या होता है,
डॉक्टर की मदद से पहले क्या किया जाना चाहिए,
इसे बताने से पहले यहां कुछ बातें हैं जिन्हें घटना के समय नहीं
करना चाहिए-
· बटर, आटा या बेकिंग सोडा आग पर कभी नहीं डालना चाहिए,
· क्रीम, लोशन या तेल को ट्रीटमेंट के तौर पर कभी इस्तेमाल नहीं किया
जाना चाहिए,
· कभी भी कोई भी घाव को खोदना या छीलना नहीं चाहिए,
· जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक किसी भी घाव को न छेड़ें और न ही उसे हैंडिल करने की कोशिश
करें,
· कभी भी शरीर पर जले कपड़ों को निकालने की कोशिश न करें।
· आजकल अधिकतर कपड़े सिंथेटिक रेशे से बने होते हैं जो टॉफी की
तरह पिघलते हैं और त्वचा पर चिपक जाते हैं। यदि आप उन्हें हटाने की कोशिश करेंगे,
तो आप त्वचा को ही अनावश्यक दर्द पहुंचाएंगे और संक्रमण को आमंत्रित
करेंगे। जले हुए कपड़ों को कीटाणुमुक्त करना होगा और उसे अकेले छोड़ देना अच्छा होगा।
सामान्य उपचार
कुछ विशिष्ट प्रकार की जलन को छोड़कर अन्य सभी के लिए सामान्य
इलाज है। जब एक बार त्वचा और रेशे जल जाते हैं तो द्रव्य की गंभीर कमी हो सकती है।
प्रभावित कोशिकाएं गर्मी को अपने भीतर संजो लेती हैं और बाद में ज्यादा नुकसान पहुंचाती
हैं। इसलिए प्राथमिक इलाज का उद्देश्य गर्माहट से छुटकारा पाना होता है। प्राथमिक उपचार
में प्रभावित रेशों के तापमान को घटाना चाहिए।
घायल हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई
की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता
है ।
जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना
चाहिए या तब तक जब तक कि दर्द होना बंद न हो जाए। यदि घायल हिस्से (उदाहरण के लिए चेहरा)
को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ चाय के कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं
और घायल हिस्से पर इसे रखें, लेकिन इसे रगड़ें नहीं। दोबारा इसे दोहराएं (ठंडे पानी में फिर
से भिगोकर), लेकिन
जले को रगड़े नहीं। यह ऊतकों की गर्मी को बाहर करने में मददगार साबित होगा और ऐसा करने
से आगे और नुकसान नहीं होगा और यह दर्द को कम करदेगा।
अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन
बढ़ने के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता है ।
जब दर्द बंद हो जाए तो जले हुए हिस्से को सावधानीपूर्वक कपड़े
से कवर करें। बड़ा हिस्सा या गहरे जले को जब पानी से साफ कर दिया जाए तो उसे साफ हल्के
कपड़े,
हाल ही में लांडरी से साफ किए गए मुलायम कपड़े से ही ढंकें।
(एक तकिए का कवर एक आदर्श कपड़ा है) ।
एक डॉक्टर को बुलाएं या एम्बुलेंस के लिए कॉल करें ।
एक पोस्टेज स्टैम्प (2*21/2) आकार से अधिक हिस्सा जलने पर उसे
डॉक्टर को अवश्य दिखाएं ।
जब बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ हो और अस्पताल में इलाज की जरूरत
हो,
तो एक तौलिए में बर्फ लपेटकर यात्रा के दौरान जले हुए हिस्से
पर उसे लगाया जा सकता है ।
संक्रमण रोकने के लिए जले हुए ऊतकों को ढंकना जरूरी है। यह पीड़ित
की चिंता को भी कम करता है जो जले हुए हिस्से को नहीं देख सकता हो। टेबल के कपड़े या
चादर जो नायलॉन से न बनी हो, शरीर को कवर करने के लिए अच्छी होती हैं। शरीर को हल्के से ढंकना
चाहिए ।
डॉक्टर या एम्बुलेंस का इंतजार करते हुए पीड़ित को आश्वस्त करें
और उसे राहत पहुँचाएं। बच्चे को पकड़ कर उसे गले लगाएं: यह सबसे महत्वपूर्ण है,
लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उसे कोई नुकसान न पहुंचे।
विशेष इलाज वाली परिस्थितियाँ कपड़ों में आग
यदि अब तक कपड़े जल रहे हों, तो उस पर पानी डाल कर या एक कंबल,
कोट या कोई अन्य बड़े कपड़े यहां तक कि गलीचे में पीड़ित को
लपेट कर हवा की आपूर्ति कर उसे बुझाएं। याद रखें कि खुद को आग से बचाते हुए कंबल को
अपने सामने रखते हुए पकड़ें ।
जिस व्यक्ति को आग लगी हुई हो,
वह बहुत डरा हुआ होगा और एक कमरे से दूसरे कमरे तक दौड़ सकता
है। आग फैला सकता है या ताजा हवा में भाग सकता है, जहां आग और तेज गति से फैलेगी। इसलिए पीड़ित को एक जगह रहने
के लिए प्रेरित करें ।जब एक बार आग बुझ जाए, तो जले के लिए ऊपर दिए गए सामान्य इलाज को शुरू करें।
आँखों में रसायन का जाना
यह स्थायी नुकसान या दृष्टि खोने का कारण बन सकता है और इसलिए
इलाज शुरू करने में यहां तेज गति की आवश्यकता होती है। रसायन को तेजी से सांद्र कर
लेना चाहिए।
· पीड़ित को पीठ के बल लिटाएं और पलकों को अपने अंगूठे और बड़ी
उंगुली से पकड़ें। नाक के ऊपर की तरफ एकदम सामने से ठंडा पानी लगातार डालें (दूसरी
आंख को रसायन से प्रभावित होने से रोकने के लिए) ।
· कई बार पलकों को बंद करने और खोलने के लिए कहें ताकि यह सुनिश्चित
हो जाए कि रसायन का कुछ अंश पलकों के भीतर फंसा तो नहीं है ।
· धोने की प्रक्रिया को कम से कम दस मिनट तक जारी रखें। इसे घड़ी
देखकर करें और समय से पहले इसे करना बंद न करें ।
· इलाज के बाद पलकों को बंद करें,
आंखों पर एक पैड रखें और आराम सुनिश्चित करें ।
· पीड़ित को राहत पहुंचाकर एम्बुलेंस बुलाएं और उसे अस्पताल ले
जाएं।
बिजली से जलना / करंट लगना
अक्सर ये छोटे क्षेत्रों में होते हैं,
लेकिन ये कभी-कभार गहरे भी हो सकते हैं। ये सामान्यतौर पर ऐसे
बिंदु पर पाए जाते हैं जहां शरीर के भीतर करंट प्रवेश कर जाता है।
· जहां से करंट आ रहा हो उसे बंद करें और पीड़ित के पास जाने से
पहले प्लग को हटाएं ।
· यदि पीड़ित पानी में हो, तो खुद को दूर रखें- पानी बिजली का सुचालक है। इसी कारण से पीड़ित
को हाथों के नीचे से न पकड़ें ।
· पीड़ित की सांस की जांच करें। करंट छाती से जरिए अंदर जा सकता
है और दिल को रोक कर सांस लेना बंद हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो मुंह से सांस देना
तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें ।
जले का
सामान्य इलाज जारी रखें।