जल साधारण भले की प्रतीत हो परन्तु इसके प्रभाव अत्यन्त शक्तिशाली होते हैं जो रोगों को शीघ्र ही दूर कर देते है। हमें केवल इस बात का ध्यान रखना होता है कि हम जल का प्रयोग सावधानी तथा उचित विधि के साथ करें। तथा साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिये कि उपचार करते समय रोगी की अवस्था कितनी है। अर्थात उसके शारीरिक बल व जीवनी शक्ति कितनी है | इस ज्ञान के अभाव में यह चिकित्सा लाभ के बजाय हानि भी कर सकती है।
जल से रोगों के दूर होने का मुख्य कारण जल की अपनी कुछ विशेषताओं का होना है जल में कई आरोग्य कारक गुण है। जो कि चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण माने जाते है। इन गुणों में से कुछ मुख्य गुणों को यहां बतलाया जा रहा है।
पहला गुण : जब जल किसी वस्तु के सम्पर्क में आता है। तो वह अपनी शीतलता उस वस्तु को शीघ्रता से दे देता है और उसकी उष्णता को अवषोशित कर लेता है।
दूसरा गुण : जल किसी अन्य वस्तु की अपेक्षा गर्मी या ठण्डक को अपेक्षा कृत अधिक समय तक रोक सकता है।
तीसरा गुण : यह तरल पदार्थ होने के कारण चिकित्सा में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
चौथा गुण : जल में अपने साथ अशुद्धियों को बहाकर ले जाने का गुण होता है इसलिये स्नान, व एनिमा आदि में प्रयुक्त होता है।
पांचवां गुण : हमारे शरीर में ताप को उत्पन्न करना उसका प्रसार करना तथा उसका वहन करना इस प्रकार तीन सिस्टम है। इन्हीं के द्वारा शरीर में उष्णता उत्पन्न होती है। उसका प्रसारण होता है तथा बहिष्करण होता है जल का प्रयोग इन सभी को प्रभावित करता है। इनमें भी सबसे अधिक प्रभाव उष्मा के बहिष्करण पर पड़ता है।
जल से रोगों के दूर होने का मुख्य कारण जल की अपनी कुछ विशेषताओं का होना है जल में कई आरोग्य कारक गुण है। जो कि चिकित्सा के क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण माने जाते है। इन गुणों में से कुछ मुख्य गुणों को यहां बतलाया जा रहा है।
पहला गुण : जब जल किसी वस्तु के सम्पर्क में आता है। तो वह अपनी शीतलता उस वस्तु को शीघ्रता से दे देता है और उसकी उष्णता को अवषोशित कर लेता है।
दूसरा गुण : जल किसी अन्य वस्तु की अपेक्षा गर्मी या ठण्डक को अपेक्षा कृत अधिक समय तक रोक सकता है।
तीसरा गुण : यह तरल पदार्थ होने के कारण चिकित्सा में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
चौथा गुण : जल में अपने साथ अशुद्धियों को बहाकर ले जाने का गुण होता है इसलिये स्नान, व एनिमा आदि में प्रयुक्त होता है।
पांचवां गुण : हमारे शरीर में ताप को उत्पन्न करना उसका प्रसार करना तथा उसका वहन करना इस प्रकार तीन सिस्टम है। इन्हीं के द्वारा शरीर में उष्णता उत्पन्न होती है। उसका प्रसारण होता है तथा बहिष्करण होता है जल का प्रयोग इन सभी को प्रभावित करता है। इनमें भी सबसे अधिक प्रभाव उष्मा के बहिष्करण पर पड़ता है।
जल के भौतिक गुण
- जल एक रसायनिक पदार्थ है जिसका रसायनिक सूत्र H2O है, जल के एक अणु मे दो हाइड्रोजन के परमाणु सहसंयोजक बंध के द्वारा एक ऑक्सीजन के परमाणु से जुडे़ रहते हैं।
- जल सामान्य तापमान और दबाव में एक फीका, बिना गंध वाला तरल है। जल और बर्फ़ का रंग बहुत ही हल्के नीला होता है, हालांकि जल कम मात्रा में रंगहीन लगता है। बर्फ भी रंगहीन लगती है और जल वाष्प मूलतः एक गैस के रूप में अदृश्य होता है।
- जल पारदर्शी होता है, इसलिए जलीय पौधे इसमे जीवित रह सकते हैं क्योंकि उन्हे सूर्य की रोशनी मिलती रहती है। केवल शक्तिशाली पराबैंगनी किरणों का ही कुछ हद तक यह अवशोषण कर पाता है।
- ऑक्सीजन की वैद्युतऋणात्मकता हाइड्रोजन की तुलना में उच्च होती है जो जल को एक ध्रुवीय अणु बनाती है। ऑक्सीजन कुछ ऋणावेशित होती है, जबकि हाइड्रोजन कुछ धनावेशित होती है जो अणु को द्विध्रुवीय बनाती है। प्रत्येक अणु के विभिन्न द्विध्रुवों के बीच पारस्परिक संपर्क एक शुद्ध आकर्षण बल को जन्म देता है जो जल को उच्च पृष्ट तनाव प्रदान करता है।
- जल का क्वथनांक (और अन्य सभी तरल पदार्थ का भी) सीधे बैरोमीटर का दबाव से संबंधित होता है। उदाहरण के लिए, एवरेस्ट पर्वत के शीर्ष पर, जल 68 °C पर उबल जाता है जबकिसमुद्रतल पर यह 100 °C होता है। इसके विपरीत गहरे समुद्र मे भू-उष्मीय छिद्रों के निकट जल का तापमान सैकड़ों डिग्री तक पहुँच सकता है और इसके बावजूद यह द्रवावस्था मे रहता है।
- जल एक बहुत प्रबल विलायक है, जिसे सर्व-विलायक भी कहा जाता है। वो पदार्थ जो जल मे भलि भाँति घुल जाते है जैसे लवण, शर्करा, अम्ल, क्षार और कुछ गैसें विशेष रूप से ऑक्सीजन, कार्बनडाइऑक्साइड उन्हे हाइड्रोफिलिक (जल को प्यार करने वाले) कहा जाता है, जबकि दूसरी ओर जो पदार्थ अच्छी तरह से जल के साथ मिश्रण नहीं बना पाते है जैसे वसा और तेल,हाइड्रोफोबिक (जल से डरने वाले) कहलाते हैं
- कोशिका के सभी प्रमुख घटक (प्रोटीन, डीएनए और बहुशर्कराइड) भी जल में घुल जाते हैं।
- जल का घनत्व अधिकतम 3.98 °C पर होता है। जमने पर जल का घनत्व कम हो जाता है और यह इसका आयतन 9% बढ़ जाता है। यह गुण एक असामान्य घटना को जन्म देता जिसके कारण बर्फ जल के उपर तैरती है और जल मे रहने वाले जीव आंशिक रूप से जमे हुए एक तालाब के अंदर रह सकते हैं क्योंकि तालाब के तल पर जल का तापमान 4 °C के आसपास होता है। जल कई तरल पदार्थ के साथ मिश्रय होता है, जैसे इथेनॉल, सभी अनुपातों में यह एक एकल समरूप तरल बनाता है। दूसरी ओर, जल और तेल अमिश्रय होते हैं और मिलाने पर परत बनाते है और इन परतों मे सबसे उपर वाली परत का घनत्व सबसे कम होता है। गैस के रूप में, जल वाष्प पूरी तरह हवा के साथ मिश्रय है।