VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

टीकाकरण एवं इसके दुष्प्रभाव



आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में टीकों का निर्माण रोग से सुरक्षा के लिए किया जाता है, फिर भी इसके कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं, जैसा कि किसी भी दवा में हो सकता है।

टीकाकरण से होने वाले अधिकांश दुष्परिणाम हल्के होते हैं जैसे पीड़ा, सूजन, या इंजैक्शन के स्थान पर लालिमा। कुछ टीके बुखार, चकत्ते और दर्द से जुड़े होते हैं। गंभीर दुष्परिणाम के अंतर्गत दौरा या जानलेवा एलर्जिक रिऐक्शन हो सकते हैं। टीकाकरण से होने वाले संभावित दुष्परिणाम को प्रतिकूल घटना कहते हैं। प्रति वर्ष, दुनिया भर में 1 वर्ष और इससे अधिक की आयु के करोड़ों शिशुओं को टीका दिया जाता है।

दुष्प्रभावों के प्रकार
टीकाकरण के संभावित दुष्परिणामों के दायरे को समझने के लिए, सापेक्षिक रूप से कम संबंधित दुष्परिणामों वाले टीके, जैसे हेमोफिलसइन्फ्लुएंजाटाइप B के लिए टीका को अधिक संभावित दुष्परिणामों वाले टीके, जैसे कभी-कभार इस्तेमाल होने वाले स्मॉलपॉक्स के टीके (सैन्य कर्मियों और उन लोगों को दिया जाने वाला टीका जो जैव आतंकवाद के हमले की स्थिति में पहली प्रतिक्रिया देने वाले हो सकते हैं) के साथ तुलना करना उपयोगी होता है।
हेमोफिलस इन्फ्लुएंजाटाइप B एक बैक्टीरियम है जिसके कारण गंभीर संक्रमण हो सकते हैं, जिसमें मेनिंजाइटिस, न्युमोनिया, एपिग्लोटाइटिस, और सेप्सिस हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बात की अनुशंसा की है कि सभी बच्चों को शुरुआती शैशवावस्था से आरंभ करते हुए Hib के टीकाकरण की श्रृंखला दी जानी चाहिए।
स्मॉलपॉक्स एक गंभीर संक्रमण है जो 30% से 40% मामलों में घातक होता है, और यह वैरिओला (चेचक) मेजर या वैरिओला (चेचक) माइनरवायरस के कारण होता है। 1970 के दशक से तीव्र स्मॉलपॉक्स के कोई मामले प्रकट नहीं हुए हैं। WHO ने स्मॉलपॉक्स को उन्मूलित घोषित कर दिया है।
Hib और स्मॉलपॉक्स के टीकाकरण के दुष्परिणामों के बारे में नीचे दी गई जानकारी WHO द्वारा प्रदान की गई है।

Hib टीका के दुष्परिणाम
लालिमा, गर्मी, या सूजन जहां शॉट दिया गया था (4 में से 1 बच्चे में)
100 में से 2 बच्चों में बुखार

स्मॉलपॉक्स (वैक्सिना) टीका के दुष्परिणाम
हल्के चकत्ते, जो 2-4 दिनों तक रहते हैं।
लसिका ग्रंथि की सूजन और कोमलता, जो फोड़ों के ठीक होने के बाद 2-4 हफ्तों तक बनी रहती है।
100°F (लगभग 70% बच्चे, 17% वयस्क) से अधिक बुखार या 102°F (लगभग 15%-20% बच्चे, 2% से               कम वयस्क)।
शरीर में कहीं भी दूसरी बार होने वाला फोड़ा (लगभग 1,900 से 1 व्यक्ति को)।
टीका वायरस का आंख में फैलने के कारण आंख का गंभीर संक्रमण, या अंधापन।
संपूर्ण शरीर पर चकत्ते (4,000 में से 1 व्यक्ति को)।
एकजिमा से पीड़ित लोगों के शरीर पर चकत्ते (26,000 में से 1 व्यक्ति को)।
एंसेफलाइटिस (तीव्र मस्तिष्क रिऐक्शन), जिससे  स्थायी रूप से मस्तिष्क की क्षति हो सकती है (83,000            लोगों में 1 को)।
टीकाकरण के स्थान पर तीव्र संक्रमण होता है (667,000 लोगों में 1 को होता है, अधिकतर उन लोगों को              जिनका प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर होता है)।
मृत्यु (1-2 प्रति मिलियन, अधिकतर वे लोग जिनका प्रतिरक्षी  तंत्र कमजोर होता है)।

बी.सी.जी. वैक्सीन
इस वैक्सीन को परंपरागत रूप से बायें कंधे के गोल भाग में लगाया जाता है| इंजेक्शन लगने के 3-4 सप्ताह के बाद उस स्थान पर एक छोटा सा दाना आकार में थोड़ा बड़ा जो जाता है और उसमें साफ तरल पदार्थ भर जाता है  (फुंसी के दाने की भांति) इसके पश्चात अगेल 1-2 दिनों में यह फूट जाता है| और वहाँ एक छोटा सा अल्सर बन जाता है अगले 5-7 दिनों में यह जख्म अपने आप भर जाता है और उस स्थान पर एक छोटा सा जख्म का निशान बन जाता है जो पूरी जिंदगी वहाँ बना रहता है| ये सब बी.सी.जी. इंजेक्शन के बाद होने वाली सामान्य प्रतिक्रियाएं हैं|
तदापि, अगर इंजेक्शन लगवाने के कुछ दिनों बाद ही वहाँ दाना या जख्म बन जाता है या वहाँ बनने वाला सामान्य अल्सर 12 सप्ताह गुजरने के बाद भी नहीं भरता है तो शीघ्र ही किसी डॉक्टर से सलाह लें|

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