VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

DNYS-II Year : e - book

DNYS द्वितीय वर्ष का पाठ्यक्रम 

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DNYS द्वितीय वर्ष प्रथम प्रश्नपत्र👆




प्रथम प्रश्न पत्र :  Philosophy and Practical of Nature Cure -100 Marks

  1. प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास
  2. प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांत
  3. प्राकृतिक चिकित्सा सम्बन्धी गांधी दर्शन
  4. प्रकृति के नियम एवं पंचतत्व
  5. प्राकृतिक चिकित्सा की विधियाँ
  6. सामान्य स्वास्थ्य
  7. अच्छी एवं बुरी आदतें
  8. व्यायाम
  9. उपवास
  10. प्राकृतिक आहार
  11. विश्राम एवं शिथिलीकरण
  12. रोगों से प्राकृतिक रोध
  13. विष -प्रतिविष एवं उसका विलोपन
  14. रोगों को दबाना एवं इसका प्रतिफल
  15. सहज मानसिक अवस्था का महत्व
  16. टीकाकरण एवं इसके दुष्प्रभाव
  17. विजातीय द्रव्य सिद्धांत
  18. विजातीय द्रव्य की परिभाषा
  19. विजातीय द्रव्यों का निर्माण
  20. विजातीय द्रव्यों का संग्रह
  21. बुरी आदतें और विजातीय द्रव्यों का संग्रह
  22. विजातीय द्रव्यों का निष्कासन एवं जीवनी शक्ति की वृद्धि
  23. निदान का अर्थ
  24. निदान की विविध विधियाँ
  25. मुखाकृति निदान
  26. नाड़ी गति से रोग परीक्षण
  27. जिह्वा परीक्षण (Tongue Exameinahan)
  28. दाँत व मसूढ़ों का परीक्षण (Teeth and Gums Examinahian)
  29. होंठ परीक्षण (Lip Examinahian)
  30. आँख परीक्षण (Eyes Examinatian)
  31. कनीनिका निदान (Ieis Diagnosis)
  32. मूत्र परीक्षण (Urine Examinaton)
  33. रक्त भार परीक्षण
  34. वक्ष परीक्षा (Chest Examinaton)


द्वितीय प्रश्नपत्र : Hydrotherapy,Mud therapy, Chromo therapy- 100 Marks


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DNYS द्वितीय वर्ष द्वितीय प्रश्नपत्र 👆



(क) जल चिकित्सा

1. जल के भौतिक गुण .
2. जल चिकित्सा के सिद्धान्त .
3. त्वचा, श्वसन, पाचन, क्रिया एवं प्रतिक्रिया पर शरीर क्रिया विज्ञान की दृष्टि से जल का असर .
4. जल चिकित्सा का वर्गीकरण- प्राथमिक व उत्तेजक प्रभाव .
5. आन्तरिक उत्तेजना .
6. सामान्य एवं स्थानिक शामक प्रभाव
7. द्वितीय उत्तेजक प्रभाव :
(क) पुष्टिकर प्रभाव   (ख) स्वास्थ्यवर्धक प्रभाव  (ग)  कफनाशक प्रभाव  (घ) परिणामी एवं साधित प्रभाव
8. जल चिकित्सा की विधियाँ :
(क) जलपान  (ख) जलाभिषेक  (ग) जल क्रिया – नासिक, पेट, बड़ी आंत, मलाशय में जल प्रक्षासन  (घ) डूस – घाव का डूस, मेरुदण्ड डूस, एकांतर डूस   (ड.) पट्टी या पैक – छाती पट्टी, धड़ पट्टी, पैट्रिक पट्टी, टी-पैक, पैरों की पट्टी, स्थानीय पट्टी, गीली पूर्ण पट्टी,  (च)  स्नान – कमर स्नान, रीढ़ स्नान, मेहन स्नान, पाद स्नान, इमर्सन बाथ,  (छ)  वाष्प स्नान, वायु स्नान  (ज)  बर्फ उपचार .
(ख) मिटटी चिकित्सा
1. मिटटी के भेद .
2. मिटटी के गुण एवं संग्रह .
3. मिटटी की पुल्टिस .
4. सामान्य एवं स्थानीय मिटटी प्रयोग .
5. शारीरिक क्रियात्मक एवं रोग निदान प्रभाव एवं प्रति प्रभाव
(ग) रंग चिकित्सा
1. रंग के प्रकार – प्राथमिक एवं द्वितीयक .
2. रंग के सिद्धान्त एवं दर्शन .
3. रंग के स्वास्थ्य प्रभाव .
4. शरीर क्रिया विज्ञान के रंगों का   उपयोग – बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, एवं पराबैंगनी .
5. रंगों से उर्जावान करना – हवा, जल, भोज्य पदार्थ, ग्लिसरीन, वेसलिन, खांड, दूध, गुलाब जल आदि .
6. रंग चिकित्सा की सीमाएं .

तृतीय प्रश्नपत्र :  Practical