VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

DNYS Admission

     अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद्,दिल्ली द्वारा संचालित पाठ्यक्रम - DNYS

DNYS (Diploma in naturopathy & yoga science) अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् दिल्ली, द्वारा संचालित साढ़े तीन वर्षीय कोर्स है . वर्तमान में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है . रोगमुक्ति के लिए दवाएं खा-खा कर परेशान हो चुके लोग पुनः भारत की इन प्राचीनतम चिकित्सा पद्धतियों का सहारा ले कर रोगमुक्त हो रहे हैं . ऐसे में योग/प्राकृतिक चिकित्सकों की मांग भी बढ़ रही है . 


यदि आप प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद् द्वारा संचालित “प्राकृतिक एवं योग चिकित्सा का साढ़े तीन वर्षीय डिप्लोमा –DNYS” में प्रवेश लेकर आप प्राकृतिक चिकित्सक बन सकते हैं .


प्रवेश हेतु शैक्षिक योग्यता 

DNYS में प्रवेश हेतु – जीव विज्ञान के साथ 12 वीं उत्तीर्ण अथवा परिषद की CNYT परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है . यदि आपने 12 वीं की परीक्षा किसी अन्य वर्ग से उत्तीर्ण की है तो DNYS प्रथम वर्ष की परीक्षा के साथ सामान्य विज्ञान विषय अनिवार्य रूप से लेना होगा |( MBBS,BAMS,BHMS,BUMS,B.Pharma,GNM डिग्री/डिप्लोमा धारकों को सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश)


कोर्स करने के बाद आप –

  • अपना नेचुरोपैथी हास्पीटल खोल सकते हैं .
  • डॉक्टर के रूप में किसी भी प्राकृतिक चिकित्सालय में जॉब कर सकते हैं |
  • स्वयं का योग ट्रेनिंग सेंटर खोल सकते हैं अथवा योग की होम ट्यूशन कर सकते हैं .
  • बहुत कम साधनों में रोगियों की घर पर ही चिकित्सा कर उन्हें रोगमुक्त कर धन व यश अर्जित कर सकते हैं .

DNYS पाठ्यक्रम का शुल्क :

  • DNYS  प्रथम वर्ष का शुल्क – 8000/रु. 
  • द्वितीय वर्ष का शुल्क – 8300/रु.
  • तृतीय वर्ष का शुल्क – 8500/रु.
  • पुस्तकों का व्यय अतिरिक्त होगा .
  • तीन वर्ष पूर्ण होने पर 6 माह की इंटर्नशिप होगी जिसे आप अपने नजदीक के चिकित्सालय अथवा यहाँ आकर कर सकते हैं. 
  • इंटर्नशिप का शुल्क 5200/ रु. अतिरिक्त देय होगा.
इंटर्नशिप पूर्ण होने पर आप अखिल भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद्, दिल्ली से रजिस्ट्रेशन करा सकते है.

DNYS की वार्षिक परीक्षा

  • परीक्षा के दो सत्र होते हैं जो कि जून एवं दिसंबर माह में आयोजित होती है . आप सत्र के जिस माह में प्रथम वर्ष की परीक्षा देंगे, तीनो       वर्ष उसी माह में परीक्षा देनी होगी .
  • वार्षिक परीक्षा में बहुविकल्पीय, लघुउत्तरीय, दीर्घउत्तरीय तीनों तरह के प्रश्न होंगे .
  • प्रत्येक वर्ष दो प्रश्नपत्र होंगे | तीसरा प्रश्नपत्र प्रक्टिकल के रूप में होगा .
  • यदि किसी कारणवश आप परीक्षा नहीं दे पाते या परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाते हैं तो आपको पुनः परीक्षा शुल्क देना होगा .
  • तीनो वर्ष की परीक्षा के पश्चात, 6 माह की इंटर्नशिप अनिवार्य है .

शुल्क इस अकाउंट में डिपाजिट करें 

BANK NAME :- AXIS BANK
A/c NAME :- NATURE CARE SOCIETY
BRANCH :- VRINDAVAN
A/c No. :- 912010053264223

IFSC Code :- UTIB0000794         


     DNYS प्रथम वर्ष का पाठ्यक्रम  

प्रथम प्रश्न पत्र : Health and Hygine First Aid and Pathology.

(क) नैसर्गिक स्वास्थ्य सिद्धान्त एवं जन स्वास्थ्य 
1. रोगों से बचाव के उद्देश्य एवं मूलभूत  सिद्धान्त .
2. शारीरिक,मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य का विकास
3. सामुदायिक स्वास्थ्य विज्ञान .
(क) पर्यावरण आरोग्य विज्ञान  (ख) जल आपूर्ति  (ग) आहार सम्बन्धी स्वास्थ्य नियम.
4. व्यक्तिगत आरोग्य नियम, सूर्य स्नान, बड़ी आंत का स्वास्थ्य नियम, विश्राम,नींद,व्यक्तिगत साफ़-सफाई,खाने-पीने सम्बन्धी स्वास्थ्य सिद्धान्त .
5. स्कूल आरोग्य नियम .
6. दिनचर्या एवं ऋतुचर्या .
7. स्वास्थ्य नाशक आदतें - पान, धूम्रपान, चाय, काफ़ी, शराब .
(ख) प्राथमिक उपचार 
1. दुर्घटना सम्बन्धी अवस्था .
2. रक्तस्राव को रोकना .
3. टूटी हड्डी को जोड़ने वाली लकड़ी के         खपच्ची (इसलिंट) के प्रकार .
4. फ्रैक्चर (हड्डी टूटना) एवं इसकी सामान्य व्यवस्था .
5. बैंडेज (घाव पर पट्टी बांधना ) के प्रकार .
6. एक डॉक्टर के कर्तव्य .
7. जलने पर प्राथमिक चिकित्सा .
8. जल में डूबना .
(ग) रोग विज्ञान का सामान्य अध्ययन 
 1. रुग्ण कोशिकाओं का अध्ययन, ऊतक के कार्य .
2. रोग – कारण, रोगाणुओं का पनपना, रक्त वाहिकाओं विषयक घटना, कोशिकीय  प्रतिउत्तर .
3. गैंग्रीन - शुष्क, गीला.
4. पुनर्निर्माण उत्प्रेरक तत्व .
5. स्थानीय कोशिकीय या उत्तकीय मृत्यु (नेक्रोसिस) .
6. कैंसर कारक तत्व, सरल एवं घातक ट्यूमर में अंतर .
7. पाचन संस्थान से सम्बंधित रोग : पौष्टिक व्रण या अल्सर, जठर शोथ, कब्ज, दस्त, पांडूरोग (पीलिया), यकृत सिरोसिस, जलोदर, अमीबियेसिस, बृहदान्त्र शोथ या अल्सरेटिव कोलाइटिस .
8. ह्रदय परिसंचरण से सम्बंधित रोग : रूमेटिक ज्वर, ह्रदय के जन्मजात रोग, ह्रदयपात, अपस्फीत या कुटिल शिराएँ, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप .
9. श्वसन से सम्बंधित रोग : साइनस (वायुविवरशोथ), दमा (अस्थमा), ब्रोंकाइटिस, वातस्फीति, निमोनिया, यक्ष्मा (टी.बी.)
10. अन्तःस्रावी तंत्र से सम्बंधित रोग : मधुमेह, हाईपोथायरायड, हाईपरथायरायड, अतिपियुषता,    अल्पपियुषता .

द्वितीय प्रश्न पत्र : Anatomy andPhysiology

(क) शरीर क्रिया विज्ञान      
1. अस्थियाँ एवं उनके कार्य .
2. अस्थिपंजर मांसपेशियां, ह्रदय मांसपेशियां, आंत सम्बन्धी मांसपेशियां एवं इनके कार्य .
3. रक्त लसिका एवं इनके कार्य .
4. प्लीहा (तिल्ली) एवं इसके कार्य .
5. पाचन तंत्र : लार ग्रंथियां, पाचक रस, अग्नाशय रस, पित्त रस, अवशोषण एवं आत्मसातीकरण .
6. उत्सर्जन तंत्र : गुर्दा एवं इनका कार्य .
7. श्वसन तंत्र : श्वसन, रक्त में आक्सीजन का पहुंचना .
8. केन्द्रीय स्नायु तंत्र : मस्तिष्क एवं इसके कार्य, स्नायु एवं इसके कार्य .
9. परिसंचरण तंत्र : ह्रदय एवं इसके कार्य, फुफ्फुस परिसंचरण, परिसंचरण, प्रतिहारी परिसंचरण .
10. ज्ञानेन्द्रियाँ एवं इसके कार्य : नेत्र, नाक, कान, त्वचा एवं जिह्वा .
11. अन्तःस्रावी अंग : पियूष ग्रंथि, अवटु (थायरायड) ग्रंथि, थायमस ग्रंथि, अग्नाशय, अधिवृक्क ग्रंथि एवं जनन ग्रंथियां 
(ख) शरीर रचना विज्ञान
1. कोशिका संरचना एवं शरीर के विभिन्न  ऊतक .
2. अस्थियाँ एवं शरीर के विभिन्न भागों से इनका सम्बन्ध .
3. पैर, हाथ, धड, चेहरा एवं आँख की  मांसपेशियां .
4. प्रमुख संधियाँ .
5. पाचन तंत्र : मुख, ग्रासनली, आमाशय, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय, यकृत, अग्नाशय .
6. प्रजनन तंत्र : पुरुष एवं स्त्री जननांग .
7. श्वसन तंत्र : नासिका,ग्रसनी, श्वासप्रणाली, फेफड़ा .
8. परिसंचरण तंत्र : ह्रदय, रक्त वाहिकाएं एवं लसिका तंत्र .
9. तंत्रिका तंत्र : स्वसंचालित तंत्रिका, मस्तिष्क, मेरुदण्ड, कपालीय तंत्रिकाएं .
10. विशेष ज्ञानेन्द्रियाँ : जिह्वा, नाक, आँख, कान एवं त्वचा
11. अन्तःस्रावी तंत्र : पिनियल ग्रंथि, पियूष ग्रंथि, अवटु (थायरायड) ग्रंथि, पराअवटु (पैराथायरायड) ग्रंथि, थायमस ग्रंथि, अग्नाशय, अधिवृक्क ग्रंथि एवं जनन ग्रंथियां 
12. उत्सर्जन तंत्र : वृक्क, मूत्रनलियाँ, मूत्राशय, मूत्र मार्ग .

तृतीय प्रश्नपत्र :  Practical


DNYS द्वितीय वर्ष का पाठ्यक्रम 

प्रथम प्रश्न पत्र :  Philosophy and Practical of Nature Cure 

(क) प्राकृतिक चिकित्सा के मूलभूत तत्व
1.प्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास व सिद्धांत .
2. प्राकृतिक चिकित्सा सम्बन्धी गांधी दर्शन .
3. पंचतत्व एवं प्रकृति के नियम .
4. प्राकृतिक चिकित्सा की विधियाँ, सुरक्षा व महत्व, सामान्य स्वास्थ्य, आदतें, व्यायाम, उपवास, प्राकृतिक आहार, विश्राम एवं शिथिलीकरण .
5. रोगों से प्राकृतिक रोध कैसे प्राप्त किया जा सकता है .
6. उपचार के उभार एवं रोग के  उभार .
7. विष एवं प्रतिविष एवं उनका  विलोपन  .
8. रोगों को दबाना एवं इसका प्रतिफल.
9. सहज मानसिक अवस्था का महत्व.
10. टीकाकरण एवं इसके दुष्प्रभाव.
(ख) मुखाकृति विज्ञान
1. विजातीय द्रव्य सिद्धान्त-परिभाषा एवं विजातीय द्रव्यों का निर्माण .
2. विजातीय द्रव्यों का संग्रह, द्रव, ठोस, सुखा एवं गैस रूप में .
3. बुरी आदतें एवं विजातीय द्रव्यों का संग्रह .
4. अवरोध-प्रकार एवं सुझाव .
5. विजातीय द्रव्यों का निष्कासन एवं जीवनी शक्ति की वृद्धि .

द्वितीय प्रश्नपत्र : Hydrotherapy,Mud therapy, Chromo therapy

(क) जल चिकित्सा
1. जल के भौतिक गुण .
2. जल चिकित्सा के सिद्धान्त .
3. त्वचा, श्वसन, पाचन, क्रिया एवं प्रतिक्रिया पर शरीर क्रिया विज्ञान की दृष्टि से जल का असर .
4. जल चिकित्सा का वर्गीकरण- प्राथमिक व उत्तेजक प्रभाव .
5. आन्तरिक उत्तेजना .
6. सामान्य एवं स्थानिक शामक प्रभाव 
7. द्वितीय उत्तेजक प्रभाव :
(क) पुष्टिकर प्रभाव   (ख) स्वास्थ्यवर्धक प्रभाव  (ग)  कफनाशक प्रभाव  (घ) परिणामी एवं साधित प्रभाव 
8. जल चिकित्सा की विधियाँ :
(क) जलपान  (ख) जलाभिषेक  (ग) जल क्रिया – नासिक, पेट, बड़ी आंत, मलाशय में जल प्रक्षासन  (घ) डूस – घाव का डूस, मेरुदण्ड डूस, एकांतर डूस   (ड.) पट्टी या पैक – छाती पट्टी, धड़ पट्टी, पैट्रिक पट्टी, टी-पैक, पैरों की पट्टी, स्थानीय पट्टी, गीली पूर्ण पट्टी,  (च)  स्नान – कमर स्नान, रीढ़ स्नान, मेहन स्नान, पाद स्नान, इमर्सन बाथ,  (छ)  वाष्प स्नान, वायु स्नान  (ज)  बर्फ उपचार .
(ख) मिटटी चिकित्सा 
1. मिटटी के भेद .
2. मिटटी के गुण एवं संग्रह .
3. मिटटी की पुल्टिस .
4. सामान्य एवं स्थानीय मिटटी प्रयोग .
5. शारीरिक क्रियात्मक एवं रोग निदान प्रभाव एवं प्रति प्रभाव 
(ग) रंग चिकित्सा
1. रंग के प्रकार – प्राथमिक एवं द्वितीयक .
2. रंग के सिद्धान्त एवं दर्शन .
3. रंग के स्वास्थ्य प्रभाव .
4. शरीर क्रिया विज्ञान के रंगों का   उपयोग – बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, एवं पराबैंगनी .
5. रंगों से उर्जावान करना – हवा, जल, भोज्य पदार्थ, ग्लिसरीन, वेसलिन, खांड, दूध, गुलाब जल आदि .
6. रंग चिकित्सा की सीमाएं .

तृतीय प्रश्नपत्र :  Practical


DNYS तृतीय वर्ष का पाठ्यक्रम 

प्रथम प्रश्नपत्र : Dietotherapy and Massage

 (क) योग 
1. योग : परिभाषा, मूलभूत सिद्धान्त, उद्देश्य .
2. विभिन्न योग - राज योग, भक्ति योग, लय योग, हठ योग, ज्ञान योग, कर्म योग, तंत्र योग .
3. योग के मूल सिद्धान्त – योग सूत्र, योग के आठ सूत्र ( अष्टांग योग 
4. शरीर के विभिन्न तंत्रों पर योगासनों का प्रभाव .
5. आसन के विभिन्न प्रभाव, प्राणायाम, मुद्रा, बंध एवं क्रिया .
6. यौगिक एवं गैर यौगिक व्यायाम में अंतर .
7. योग एवं मानसिक स्वास्थ्य .
8. सूर्य नमस्कार .
9. ध्यान .
(ख) उपवास
1. उपवास की परिभाषा .
2. उपवास एवं भुखमरी में अंतर .
3. उपवास के प्रकार, सविराम उपवास एवं दीर्घ उपवास .
4. उपवास के शरीर पर क्रियात्मक प्रभाव .
5. उपवास कैसे प्रारंभ करें, कैसे उपवास का पालन करें एवं उपवास को कैसे तोड़ें .
6. उपवास काल में उपचार .
7. उपवास काल में उभार एवं इनकी चिकित्सा .
8. उपवास की विधि : पूर्ण उपवास, आंशिक उपवास, जल उपवास, रस उपवास, लवणीय उपवास, फल उपवास, एकल आहार उपवास .
(ग) पोषण एवं आहार विज्ञान 
1. आहार एवं पेय का वर्गीकरण .
2. आहार तत्व की कमी से होने वाली बीमारियाँ .
3.कृत्रिम  आहार एवं इसके दुष्प्रभाव.
4.पाचन, अवशोषण एवं आत्मसातीकरण .
5. खान-पान का तौर-तरीका .
6. अम्लीय एवं क्षारीय भोजन .
7. आहार का महत्व- कच्चा रूप, अंकुरित रूप एवं पक्वाहार रूप में .
8. क्या खाना चाहिए,कैसे खाना चाहिए एवं कितना खाना चाहिए |
9. पोषण एवं इसका महत्व .
10. पोषण एवं छूत रोग में प्राकृतिक प्रतिरोध .
11. आहार का संयोजन .
12. सन्तुलित आहार .
(घ) हस्तकला चिकित्सा
1. मालिश के सिद्धान्त .
2. मालिश का शरीर क्रिया विज्ञानी प्रभाव – त्वचा, मांसपेशियों, परिसंचरण तंत्र, पाचन तंत्र एवं तंत्रिका तंत्र पर .
3. मालिश कला .
4. मालिश का उपचारी प्रयोग .
5. एक्युप्रेशर के प्वाइंटस एवं इसकी प्रयोग विधि व सीमाएं .

द्वितीय प्रश्नपत्र : Practical Nature Cure, Hospital Management, Obstratics and Gynocology

(क) चिकित्सालय प्रबंधन एवं प्रैक्टिस
1. बीमारियाँ एवं उनका प्राकृतिक निदान व उपचार .
2. अस्पताल एवं क्लीनिक का प्रबंधन .
(ख) प्रसव विज्ञान एवं स्त्री रोग विज्ञान
1. जनन अंगों की आन्तरिक संरचना एवं शरीर क्रिया विज्ञान .
2. अण्डाशयी एवं गर्भाशयी चक्र .
3. मासिक चक्र की अनियमितता .
4. सामान्य बीमारियाँ एवं रजित रोग .
5. गर्भाधान में शरीर क्रिया विज्ञान 
6. भ्रूण एवं अपरा का विकास .
7. सामान्य एवं असामान्य प्रसव .
8. जन्म के पूर्व एवं जन्म के पश्चात् देख-रेख .
9. माता एवं नवजात शिशु की देखभाल .

तृतीय प्रश्नपत्र : Practical


सामान्य विज्ञान              

(यह प्रश्नपत्र केवल उन्ही छात्रों को देना होगा जिनके पास बारहवीं में जीव विज्ञान नहीं थी)

1. जीव की उत्पत्ति, विकास एवं सामुदायिक जीवन .
2. जन्तु ऊतक .
3. वनस्पति शास्त्र का सामान्य ज्ञान .
4. परमाणु, अणु एवं रासायनिक अंकगणित .
5. तत्व, प्राप्ति स्थान एवं निष्कासन .
6. कार्बन एवं इसके यौगिक .
7. अधातु का रसायनशास्त्र .
8. कार्बनिक यौगिक का शुद्धिकरण एवं गुण .
9. जीवन का अणु .
10. परमाणु संरचना एवं रासायनिक बंधन .
11. सॉलिड स्टेट .
12. घोल .
13. जैविक अणु .
14. जैविक प्रक्रिया का रसायनशास्त्र .
15. परिचय माप-तौल .
16. गति का नियम .
17. कार्य ऊर्जा एवं शक्ति .
18. गुरुत्वाकर्षण .
20. तरंग .
21. इलेक्ट्रॉन्स एवं प्रोटोन्स .
22. परमाणु,अणु एवं केन्द्रक .
23. सालिड्स एवं सेमीकंडक्टर प्रकल्पल .