वह आहार जो रूग्णावस्था में किसी व्यक्ति को दिया जाता है। ताकि वह जल्दीसामान्य हो सके यह सामान्य भोजन का संशोधित रूप होता है। उपचारात्मक आहारकहलाता है।क्योंकि बीमार पड़ने पर व्यक्ति के शरीर को कोई भाग रोग ग्रसित हो जाता है।जिससे उसकी पोषण आवश्यकता में परिवर्तन आ जाता है। जैसे मधुमेह में पेनक्रियाजउपयुक्त मात्रा में इन्सुलिन उत्पन्न नही कर पाता जो कि शक्कर के पाचन में सहायक होताहै। ऐसे में यदि हम व्यक्ति को सामान्य मात्रा में शक्कर देगे तो उसके लिये हानिकारक होगी और जब शक्कर उसके आहार से अलग कर दी जाती है। तो इन्सुलिन कोआवश्यकता नही होती उपचारात्मक आहार देने के प्रमुख कारण-बीमारी में आहार परिवर्तन के कारण निम्नलिखित है।
·
पोषण का अच्छा स्तर बनाये रखना।
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पोषण की अपर्याप्त मात्रा को सही करना।
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आहार की तरलता में संशोधन करना।
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शारीरिक वजन में आवश्यकतानुसार कमी करना।
आहार संशोधन
करते समय ध्यान रखने योग्य बाते:-
रोगी को ऐसा महसूस न हो कि उसे
परिवार के अन्य सदस्यों से एकदमभिन्न आहार दिया जा रहा है।
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रोगी की रूचि के अनुसार भोजन हो
·
आहार को आर्कषक ढंग से परोसा जाये ताकि रोगी को खाने की
इच्छा हो।
उपचारात्मक
आहार संशोधन के प्रकार
आहार की
तरलता में संशोधन –कई
बार रोगी कुछ बीमारियों में ठोस भोजन नही ले पाता जैसे ज्वर, दस्त,वमन। ऐसे समय
मे तरल आहार देना लाभदायक होता है। स्थिति सामान्य होने परअर्द्धठोस या ठोस।
पोषक तत्वों
में परिवर्तन- रोग के हिसाब से पोषक तत्वों में परिवर्तन किया जाना चाहिए
जैसे उच्चरक्त चाप में नमक की कमी,
दस्त में तरल पदार्थो की अधिकता,
पीलया में कम वसा।
भोजन की
बारम्बारता में परिर्वतन- बीमारी की अवस्था में व्यक्ति एक बार में अधिक भोजन नही ले
पाता और इस समय सही मात्रा में पोषक तत्व मिलना भी आवश्यक होता है। अत:
भोजनबारम्बारता का अर्थ है। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार भोज्य पदार्थ को
ग्रहणकरना।
आहार के
प्रति गलत धारणायें
लोगों कही आहार के प्रति कुछ गलत
धारणायें है। जो इस प्रकार है।
गलत-मुधमेह
के रोगी को चावला या आलू बिल्कुल नही खाना चाहिए।सही- थोड़ी मात्रा में दोनो खाये
जा सकते है।
गलत-पीलिया
के मरीज के आहार में ‘हल्दी
व वसा नही देना चाहिए।सही- वसा कुछ समय तक नही देना चाहिए बहुत हल्दी से कोई
नुकसाननही होता।
गलत-खाना
एकदम कम खाने से वजन कम हो जाता है।सही- खाना एकदम करना शरीर के लिये नुकसान दायक
होता है।
गलत-दस्त
में खाना बंद कर देना चाहिए। सही- तरल आहार लेना चाहिए क्योकि इस समय पोषक तत्वों
की आवश्यकता बढ़ जाती है।