कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज, लवण, जल, विटामिन्स, वसा, न्यूक्लिक अम्ल आदि को पोषक तत्वों में सम्मिलित किया गया हैं अर्थात इन सभी रसायनों को ही पोषक तत्व कहा गया है।
यदि कोई मनुष्य इसको नजरअंदाज
करे या लापरवाही बरते तो यह गलती भारी पड़ सकती है तथा वह अनेक रोगों से ग्रस्त हो
जाता है, जिसमें
से कुछ रोग लाइलाज भी हो सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी आने से मानव
शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर
हो जाती है, जिससे
सर्दी, जुकाम, बुखार, सरदर्द जैसी
साधारण रोगों से भी लड़ने की शक्ति कमजोर पड़ जाती है तथा वह रोगों से घिर जाता है।
मानसिक समस्या जैसे बार बार
भूलना, दिमाग
की नसों में खिंचाव, मेटाबोलिज्म
कमजोर पड़ना जैसी तकलीफें भी पोषक तत्वों की कमी के कारण पैदा हो सकती हैं।
हड्डियों व मांसपेशियों का कमजोर
पड़ जाना, ऑस्टियोपोरोसिस
की समस्या तथा दांतो सम्बन्धी तकलीफ,
शारीरिक बल कम होना आदि समस्याएं पोषक तत्वों की कमी से उत्पन्न होती हैं।
शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की
कम मात्रा से पेट से सम्बन्धित गड़बड़ी जैसे दस्त, कब्ज,
पाचन शक्ति कमजोर होना,
पेट दर्द, या
पेट में इन्फेक्शन आदि भी होता हैं।
कैल्शियम विटामिन पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी से रिकेटस रोग हो सकता
है। इस में मानव शरीर में हड्डियों की संरचना बिगड़ जाने से विकृति पैदा हो जाती
है।
मधुमेह रोग(डायबिटीज) भी पोषक
तत्वों की कमी से हो सकता है,
जो कि अन्य रोगों को भी निमंत्रण देता है जैसे मोटापा बढ़ना, रक्तचाप बढ़ना, घावों का
देरी से ठीक होना जैसी परेशानियां भी हो जाती हैं।
एनीमिया, पेलाग्रा, स्कर्वी, बेरी बेरी, एलर्जी, पायरिया,
रतौंधी,
दूरदृष्टि रोग व निकटदृष्टि रोग,
अल्सर, मुंह
के छाले, तपेदिक
आदि बीमारियां भी शरीर में आवश्यक पोषक की कमी से हो सकती हैं।