हमारे रक्त में अम्ल व क्षार दोनों की मात्रा होती है। इनके असंतुलन से शरीर रोगग्रस्त हो जाता है और संतुलन से शरीर रोगमुक्त भी हो जाता है। इसलिए सेहतमंद रहने के लिए इनका संतुलन अनिवार्य है।
हम जो आहार लेते है उससे रक्त
बनता है इसलिए यह देखना और जानना बेहद जरूरी है की हम अपने शरीर को कैसा भोजन दे
रहे है। अम्लतायुक्त भोजन शरीर के लिए घातक है तो वही दूसरी ओर क्षारीय भोजन हितकर
है।
मानव शरीर में 80% क्षारीय और 20% अम्लीय तत्व
होते है। अगर यह संतुलन बना रहे तो आप बेशक अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना कर सकते है।
क्योंकि यह अनुपात अच्छी सेहत का आधार है।
हमारी सभी शारीरिक और मानसिक
गतिविधियाँ इस अनुपात पर ही निर्भर है। हमारे भोजन में यह अनुपात बना रहे इस बात
का पूरा ख्याल रखे।
क्या है पीएच
जिस तरह पानी के पीएच (पोटेंशियल
ऑफ हाईड्रोजन) लेवल के बारे में हम जानते है। ठीक उसी तरह शरीर का भी पीएच लेवल
होता है। डॉक्टर के अनुसार रक्त का पीएच लेवल सामान्य तौर पर 7.35-7.45 तक होता है।
इस आधार पर मनुष्य का पीएच 7 से कम हो तो
उसकी तासीर अम्लीय और 7 से
ऊपर हो तो क्षारीय तासीर की मानी जाती है।
कम पीएच यानी अम्लीय तासीर के
शरीर में कमजोरी, जल्द
बुढ़ापा, मोटापा, कब्ज, गैस, फैफड़ों में
सर्दी, प्रतिरक्षा
प्रणाली कमज़ोर, गठिया, जोड़ों का
दर्द, सूजन, हार्ट समस्या, हड्डियों में
कमजोरी जैसे कई घातक रोग की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।
अधिक पीएच तो स्वस्थ शरीर, फुर्ती, तरोताजगी, आनंददायक, फिटनेस आदि
कई खूबियों के साथ शरीर हेल्दी रहता है।
अगर आप भोजन लेने से पहले ही
क्षारीय और अम्लीय आहार की जानकारी रखे तो यह आपके शरीर के लिए सकारात्मक रहेगा और
आप बेहतर महसूस करेंगे।
आप अपनी सहूलियत के लिए एक चार्ट
बना ले की क्या क्षारीय है और क्या अम्लीय होता है। यह सूची आप अपने किचन या फ्रिज
पर लगा सकती है। आइए जाने क्षारीय भोजन क्या होता है जो आपकी सेहत को सेहतमंद बनाए
रखने में मदद करता है।
क्षारीय भोजन
क्या है?
कंद-मूल (जमीन के नीचे उगने वाली
सब्जियाँ), गोभी, हरी पत्तेदार
सब्जियाँ, सभी
तरह के ताजे फल, फलियां, छाछ, नारियल, खजूर, मीठा खाने का
सोडा, अंकुरित
अनाज, शिमला
मिर्च, लहसुन, भीगे हुए
मेवे, अंजीर, संतरा, हरी सब्जियाँ
आदि क्षारीय आहार है।
आँवला व नींबू को लेकर लोग बहुत
भ्रमित रहते है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे यह दोनों ही क्षारीय तासीर के
आहार है और नींबू तो सबसे अधिक क्षारीय होता है। प्राकृतिक आहार लेने वालों को
अम्ल या क्षार की समस्या नहीं रहती यह तो केवल पके या तले-भुने भोजन लेने वालों
में होती है।
अम्लीय भोजन
क्या है?
माँसाहारी भोजन, पका या
तला-भूना भोजन, पनीर, मक्खन, चासनी की
चीजें, मिठाई, चीनी, चाय, कॉफ़ी, चॉकलेट, तंबाकू, उबला दूध, वनस्पति घी, नमक, मैदा, मादक पदार्थ, सोडा, दाल, चावल, सेव, नमकीन, बेकरी की
चीजें, चासनी
में डूबे फल इत्यादि अम्लीय आहार की श्रेणी में आते है।
शरीर में
कैसे काम करता है क्षारीय भोजन
आमतौर पर खट्टे स्वाद यानी नींबू, अंगूर, संतरा आदि को
स्वाद की वजह से अम्लीय प्रकृति का माना जाता है। जबकि पाचन के पश्चात इनका खनिजीय
अवयव क्षारीय तत्व को बनाता है अर्थात यह शरीर में प्रचुर क्षार को ही बनाता है।
क्षारीय खुराक शरीर के पीएच लेवल
को संतुलित बनाए रखने का काम करता है। क्षारीय खुराक जबड़ों व हड्डियों को भी
मजबूती प्रदान करता है। साथ ही कोशिकाओं की पुनर संरचना, ऊतकों का
पुनर निर्माण कर मजबूती देना और शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में
सहायता करता है। इन सभी कार्यो में क्षारीय खुराक कारगर है। इस खुराक से शरीर
तंदुरूस्त बना रहता है।
आजकल की जीवनशैली से शरीर अम्लीय
बनते जा रहा है जिससे शरीर बीमारियों का डेरा बना हुआ है। कमजोर शरीर पर मौका
देखते ही रोग अपना निशाना लगाना शुरू कर देता है।
क्षारीय शरीर में कोई रोग टिक
नहीं पाता है। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की कैंसर जैसी गंभीर समस्या को भी
क्षारीय शरीर नष्ट करने में सक्षम है।
क्षारीय खुराक को जीवनशैली में
लाना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस अपनी जीवनशैली में जरा सा बदलाव और आहार में
सतर्कता लाते ही आपका शरीर अम्लीय से क्षारीय बनना शुरू हो जाता है।
वो कहते है ना ‘सब्जी खाए और
सेहत बनाए’।
दैनिक आहार में क्षार और अम्ल का अनुपात 80:20 का
रखे। कुछ वसा और तेल को क्षारीय आहार में सीमित रखा गया है।
अपने आहार पर चिंतन कीजिए आपको
जरूर नफा होगा और ऐसा ना करने पर आप अपने शरीर को परेशानी में डाल रहे है। दुनिया
भर में क्षारीय और अम्लीय प्रवृत्ति पर रिसर्च चल रही है।
खुशी की बात यह है की हम सिर्फ
खानपान और विचार प्रक्रिया में बदलाव लाकर खुद का कायाकल्प कर सकते हैं लेकिन
चिंताजनक यह है कि दुनिया के अधिकांश लोग अम्लीय हैं जो उनकी बीमारी की मुख्य वजह
है।
इसलिए अपने भोजन को 80% सात्विक कर
दीजिए, फिर
देखिए आपका शरीर कैसे आपका दोस्त बन जाता है। क्षारीय और अम्लीय भोजन के बारे में
अपने आहार चिकित्सक से सलाह जरूर ले।