VRINDAVAN INSTITUTE OF NATUROPATHY AND YOGIC SCIENCES is an authorized Work Integrated Vocational Education Center (WIVE) of Asian International University in India.

कोशिका विभाजन की विधियों की व्याख्या कीजिए

By- Dr. Kailash Dwivedi 'Naturopath'


जिस क्रिया द्वारा एक कोशिका विभाजित होकर दो या दो से अधिक कोशिकाएँ उत्पन्न करती हैं उसे कोशिका विभाजन (Cell division) कहते हैं। कोशिका-विभाजन वस्तुतः कोशिका चक्र (cell cycle) का एक चरण है। विभाजित होने वाली कोशिका मातृकोशिका एवं विभाजन के फलस्वरूप बनने वाली कोशिकाएँ पुत्री कोशिका कहलाती हैं। कोशिका विभाजन द्वारा ही जीवों के शरीर की वृद्धि और विकास होता है। इस क्रिया के फलस्वरूप ही घाव भरते हैं। प्रजनन एवं क्रम विकास के लिए भी कोशिका-विभाजन की क्रिया आवश्यक है।
विभाजन विधियाँ :
1. समसूत्री कोशिका विभाजन या समसूत्रण (Mitosis) साधारण कोशिका विभाजन है। इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है, प्रथम चरण में कोशिका के केन्द्रक का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को केन्द्रक-विभाजन (कैरियोकाइनेसिस) कहते हैं। विभाजन के द्वितीय चरण में कोशिका-द्रव्य का विभाजन होता है। इस प्रक्रिया को कोशिका-द्रव्य विभाजन कहते हैं। विभाजन के अन्त में मातृकोशिका, पुत्री-कोशिका में बदल जाती है।


2. अर्धसूत्रण (Meiosis) एक विशेष प्रकार का कोशिका विभाजन है जो यूकैरिओट प्राणियों (eukaryotes) में लैंगिग जनन के लिये आवश्यक है। अर्धसूत्रण द्वारा युग्मक (gametes or spores) कोशिकाएँ पैदा होतीं हैं। सभी जन्तुओं तथा भूमि पर उगने वाले पौधों सहित अधिकांश जीवधारियों में युग्मकों को अण्ड कोशिका तथा शुक्राणु कोशिका कहते हैं।यद्यपि अर्धसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया और समसूत्री कोशिका विभाजन की प्रक्रिया में बहुत कुछ समानताएँ हैं, किन्तु अर्धसूत्री विभाजन, समसूत्री विभाजन से दो महत्वपूर्ण पक्षों में अलग है-
अर्धसूत्रण में गुणसूत्रों का पुनर्संयोजन (recombination) होता है और इस प्रक्रिया में जीनों (genes) का पुनर्वितरण (resuffle) हो जाता है। इससे प्रत्येक युग्मक (गैमीट) में नया जीन संचय (combination) का उत्पन्न होता है।
 अर्धसूत्रण के परिनाम स्वरूप चार अनुगुणित कोशिकाएँ बनती हैं जो जीन की दृष्टि से अनन्य (haploid) होती हैं।
3. जीवविज्ञान में किसी कोशिका का दो भागों में विभाजित होकर दो नयी कोशिकाओं का निर्माण करना द्विखण्डन (binary fission) कहलाता है। जीवाणु और आद्यजीवाणुओं (bacteria and archaebacteria) को प्रोकैरिओट (prokaryotes) कहते हैं। इनका द्विखंडन एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन तथा कोशिका विभाजन है। इसके अलावा कुछ युकैरिओटिक प्राणियों (eukaryotic organisms) के कुछ कोशिकांग भी द्विखण्डित ही होते हैं।
द्विखण्डी विभाजन तर्कुओं (spindles) के निर्माण के बिना ही होता है। सबसे पहले एक DNA अणु प्रतिगुणित होता है। उसके बाद ये प्रतिगुणित डीएनए कोशिका-झिल्ली अलग-अलग भागों से संयुक्त हो जाते हैं। जब कोशिका विभक्त होने लगती है तो प्रतिगुणित क्रोमोसोम तथा मूल क्रोमोसोम बंट जाते हैं। इस प्रकार के अलैंगिक प्रजनन का परिणाम यह होता है कि सभी कोशिकाएँ अनुवांशिकता की दृष्टि से समान होती हैं, अर्थात सबमें एक ही अनुवांशिक पदार्थ होता है।